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दिल के चंद एहसास



बचा लेना दामन, कहीं दागी न हो जाए
सम्हालो धड़कनों को, कहीं बागी न हो जाए।।
और माना प्यार पावन, होता है ओ साकी 
मगर न कर ऐसी मोहब्बत, कि चाहत गाली हो जाए।। 



----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---

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7 Comments

Gunjan Kamal

07-Oct-2022 01:22 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Swati chourasia

16-Sep-2022 09:52 PM

बहुत खूब

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Behtarin rachana

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